डिप्रेशन से कैसे बहार आएं? Top 5 tips to get out of depression
क्या आप पुरे समय दुखी रहते हैं, क्या आपका किसी भी काम में दिल नहीं लगता, क्या आपको ऐसा लगता है की आपको आगे जीने का मन नहीं कर रहा है? अगर ऐसी किसी समस्या से आप जूझ रहें तो ये आर्टिकल आपके लिए है। इस आर्टिकल में , में आपसे “डिप्रेशन और उससे कैसे बहार निकला जाये” के बारे में जिक्र करूँग। डिप्रेशन एक सामान्य और गंभीर मानसिक बीमारी है जो किसी व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है । आप कैसा महसूस करते हैं, आपके सोचने का तरीका और आप कैसे कार्य करते हैं इन सभी बातों का नकारात्मक हो जाना डिप्रेशन का संकेत देता है। अगर आप डिप्रेशन के शिकार हैं तो आप कैसे बोलते हैं कैसे चलते हैं क्या सोचते हैं इन सभी बातों पर डिप्रेशन का प्रभाव देखने को मिल सकता है।
डिप्रेशन में जाने के कारण
डिप्रेशन एक जटिल मानसिक स्थिति है जो विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है। बहुत अधिक सम्भावना है की आप इनमे से किसी एक कारन से डिप्रेशन में हैं:
- GENETICS: अगर आपके परिवार में पहले किसी को डिप्रेशन की समस्या थी, तो इसकी बहुत अधिक सम्भावना हो जाती है की आपको भी डिप्रेशन हो , ऐसा जरुरी नहीं है की अगर आपके परिवार में किसी को डिप्रेशन रहा है तो आपको भी होग।
- जीवन की घटनाएँ (Trauma): दर्दनाक या तनावपूर्ण जीवन की घटनाएँ: जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु, ब्रेकअप या नौकरी छूटना, डिप्रेशन को ट्रिगर कर सकता है।
- मस्तिष्क सम्बंधित समस्या: न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन, जो मस्तिष्क में रसायन होते हैं जो मूड को नियंत्रित करते हैं, कई बार हार्मोनल बदलाव भी डिप्रेशन में योगदान कर सकते हैं।
- स्वास्थ्य की स्थिति: पुराना दर्द, बीमारी, या अन्य चिकित्सीय स्थितियां जो लम्बे समाया से आपको परेशान कर रही हैं डिप्रेशन का कारण बन सकती है। कई बार बहुत लम्बे समय तक दवाइयों का उपयोग करने से साइड इफ़ेक्ट हो सकता है।
- शराब का सेवन करना: कई बार ज्यादा शराब का सेवन करना या मानसिक तनाव के समय शराब का सेवन करने से भी डिप्रेशन ट्रिगर हो सकता है।
डिप्रेशन में जाने के लक्षण
अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है तो उसके कई लक्षण हो सकते हैं. यह जानना ज़रूरी है की हर व्यक्ति डिप्रेशन से अलग तरह से जूझता है और अलग अलग लक्षण दिखता है. इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण ये हैं :
- उदासी, निराशा या खालीपन की भावनाएँ आना।
- जो चीज़े आपको करना बहुत पसंद था उनमे एकदम से रूचि बंद हो जाना।
- भूख या वजन में परिवर्तन (या तो कमी या वृद्धि)।
- सोने में कठिनाई या उसके विपरीत बहुत अधिक नींद आना।
- थकान होना, शरीर में कम ऊर्जा का भाव आना, या हर समय थकान महसूस करना।
- अपने बारे में गलत होने की भावना।
- ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने या चीजों को याद रखने में कठिनाई।
- आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने के विचार आना।
- चिड़चिड़ापन या बेचैनी होना
अगर आपको इनमें से एक या एक से अधिक लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सम्भावना है की आप डिप्रेशन में हैं। ध्यान रखने की बात है की केवल इन लक्षणों से पता नहीं लगाया जा सकता की आप डिप्रेशन में हैं. इसका पता एक मनोचिकित्सक ही लगा सकता है. लेकिन अगर आप इन लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तब भी आप नीचे दिए गए TIPS को काम में ले सकते हैं।
डिप्रेशन से कैसे बहार आएं? 5 TIPS
अगर आप या आपका कोई जानकर डिप्रेशन से लड़ रहा है, तो नीचे दिए गए इन पांच तरीकों को अपने जीवन में अपना कर देखिये। आप बहुत ही जल्दी अपने जीवन में बदलाव महसूस करेंगे।
- नियमित व्यायाम करें: व्यायाम करने से एक एंडोर्फिन (Endorfin) नाम का हार्मोन रिलीज रिलीज़ होता है, जो मूड को बेहतर बनाने और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। रोज़ सुबह उठकर 20-30 मिनट का व्यायाम करे। जैसे की दौड़ लगाना, साइकल चलना या तैरना।
- Relaxation Techniques : Mindfulness या Relaxation Techniques जैसे की मेडिटेशन, योग, प्राणायाम (अनुलोम विलोम) तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं। यह विज्ञान में साबित हो चूका है की ध्यान लगाने और योग करने से कई तरह की मानसिक तकलीफों से निजात पाया जा सकता है। आप Youtube पर दिए गयी योग या ध्यान लगाने की विधियों में से जो आपको पसंद हो वो कर सकते है।
- Networking: अकेले रहने से भी डिप्रेशन बढ़ा सकता है, क्योंकि अकेले रहने से नकारात्मक विचारों में वृद्धि हो जाती है , और इंसान के ज्यादातर समय ख़राब विचारों में ही निकल जाता है। इसलिए जरुरी है की आप बहार निकलें और दोस्त बनाये। या अपने परिवार के साथ समाया बिताए। ऐसा करने से आपको अकेले समाया काम मिलेगा और आप अच्छे विचारों को अपने करीब ला पायंगे। इसलिए अपने मित्रों, परिवार या सहायता समूह से जुड़ने का प्रयास करें। यहां तक कि सिर्फ एक फोन कॉल या टेक्स्ट भी मदद कर सकता है।
- अपना ख्याल रखें (Self Care): बाकि सारे उपाय तब काम करेंगे जब आप अपने स्वास्थ का ध्यान रख सकेंगे। सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त नींद लें, संतुलित आहार लें और उन गतिविधियों में शामिल हों जिन्हें आप पसंद करते हैं। स्वयं की देखभाल करना डिप्रेशन से निकलने का सबसे बड़ा उपाय है।
- छोटे लक्ष्य निर्धारित करें (जो आसानी से हो पाएं): जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में होता है, तो उससे कोई भी काम करने में बहुत तकलीफ होना शुरू हो जाती है। यह इतना मुश्किल हो जाता है की उसे रोजमर्रा के कार्य करने में भी बहुत ध्यान लगाना पड़ता है। यहाँ तक की जो काम वह अच्छे से कर लेता था उसमे भी दिक्कत आती है। इसलिए ज़रूरी है की जो व्यक्ति डिप्रेशन से लड़ रहा है सबसे पहले अपने कार्यों को छोटे छोटे लक्ष्यों में बाँट ले, और फिर एक एक करके उनको पूरा करना शुरू करे। जिससे की अगर पूर्ण रूप से कार्य न भी हो पाए तो भी कुछ कार्य होने से भी हौसला बढ़ सकता है। धीरे धीरे इसी प्रक्रिया को जारी रखें , एक समाया के बाद आप पाएंगे की कार्य करने की क्षमता बढ़ने लगेगी।
अगर इन सब तरीकों से भी आपको सफलता नहीं मिल पा रही है तो एक योग्य डॉक्टर (जो मानसिक रोग स्पेशलिस्ट हो) से मदद लेना महत्वपूर्ण है। वह आपकी तकलीफों को समझ के उनके अनुसार आपके लिए एक प्रोग्राम तैयार करेगा जिससे आपको मदद मिल सकते। अपर आपको लगता है ये आर्टिकल किसी की मदद कर सकता है तो इसे ज़रुर शेयर करें।